Introduction, Classification and its Properties of Matter Learn the Basics of Chemistry

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Nature of Matter - Some Basic Concepts of Chemistry,Nature and Characteristics of Matter - Chemistry,Introduction and Physical Nature of Matter,Nature of Matter: Classification and its Properties

द्रव्य की परिभाषा तथा प्रकृति (Definition and Nature of Matter):


पदार्थ की परिभाषा (Definition of Matter):

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- वे सभी चीजें जिनमें वजन होता है, और जो स्थान घेरती हैं, द्रव्य/पदार्थ(Matter) कहलाती हैं।

- आपके आस-पास जो कुछ भी आप देखते हैं, जिसमें भार(weight) होता है और जो स्थान घेरता है, उसे पदार्थ(Matter) कहते हैं।

Read in English

- All things that have weight and occupy space are called matter.

- Everything you see around you that has weight and occupies space is called matter.


द्रव्य की प्रकृति (Nature of Matter):

किसी पदार्थ की प्रकृति उसकी अवस्था, पर निर्भर करती है, कि वह हल्का है, भारी है या कठोर है, द्रवित है या गैसीय है।

Read in English

Ads will show HereThe nature of a substance depends on its state, whether it is light, heavy, hard, liquid, or gaseous.

दैनिक जीवन में पदार्थ के उदाहरण:

  1. पुस्तक: इसका भार होता है और यह मेज़ पर स्थान घेरती है।
  2. पानी: पानी का भार होता है और यह आपके गिलास को भरता है, इसलिए यह भी पदार्थ है।
  3. हवा: भले ही आप हवा को नहीं देख सकते, लेकिन यह गुब्बारों में या वायुमंडल में स्थानों को भरती है, इसलिए यह भी पदार्थ है।
Read in English
  1. Book: It has weight and it occupies space on the table.
  2. Water: Water has weight and fills up your glass, so it is also a substance.
  3. Air: Even though you can't see air, it fills spaces in balloons or in the atmosphere, so it is also matter.

हमारे आस-पास का अवलोकन (Observation Around Us):

हमारे आस-पास की हर चीज़ पदार्थ से बनी है। उदाहरण के लिए-

  • ठोस: पुस्तकें, पेंसिल, कुर्सियाँ।
  • द्रव: पानी, दूध।
  • गैस: हवा, ऑक्सीजन।
  • जीवित प्राणी: पौधे, जानवर, मनुष्य।

पदार्थ की मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics of Matter):

  1. द्रव्यमान (Mass):

    पदार्थ से बनी हर चीज़ का एक भार (Weight) होता है, जिसे हम उसका द्रव्यमान (Mass) कहते हैं।

    उदाहरण के लिए, एक पेंसिल हल्की लगती है, जबकि एक किताब भारी लगती है क्योंकि किताब का द्रव्यमान ज़्यादा होता है। इसलिए पुस्तक अपने द्रव्यमान के कारण भारी लगती है।

  2. अधिग्रहित स्थान (Space Occupied):

    पदार्थ अपने आस-पास की जगह भरता है।

    उदाहरण के लिए, पानी एक गिलास भरता है; हवा एक गुब्बारा भरती है।

पदार्थ की अवस्थाएँ (States of Matter):

पदार्थ (matter) की मुख्य रूप से तीन भौतिक अवस्थाएँ होती हैं:

  1. ठोस (Solid)
  2. द्रव (Liquid)
  3. गैस (Gas)

इन अवस्थाओं के बीच का अंतर उनके कणों की स्थिति, और गति के आधार पर होता है। आइए इसे सरल भाषा में समझें:

  1. ठोस (Solid)
  2. ठोस का अपना एक निश्चित आकार, आकृति और आयतन होता है। इसे दबाने या मोड़ने पर यह आसानी से नहीं बदलता। ठोस के कण (particles) बहुत पास-पास होते हैं और एक ही जगह पर कंपन करते रहते हैं। 

    उदाहरण: लकड़ी, पत्थर, बर्फ, किताब,कुर्सी।

    मुख्य गुण:

    यह कठोर होता है।

    इसे छुआ और महसूस किया जा सकता है।

  3. द्रव (Liquid)
  4. द्रव का अपना आकार, आकृति नहीं होती, लेकिन आयतन होता है। यह जिस बर्तन में रखा जाता है, उसी का आकार ले लेता है। इसके कण ठोस के मुकाबले थोड़ी दूरी पर होते हैं।

    उदाहरण: पानी, दूध, तेल।

    मुख्य गुण:

    द्रव बह सकता है।

    इसका आकार बदल सकता है, लेकिन इसका आयतन (volume) हमेशा एक जैसा रहता है।

  5. गैस (Gas)
  6. गैस का ना तो कोई निश्चित आकार, आकृति होती है और ना ही निश्चित आयतन होता है। यह हर जगह फैल सकती है। इसके कण बहुत दूर-दूर होते हैं और तेज गति से इधर-उधर भागते रहते हैं।

    उदाहरण: हवा, ऑक्सीजन(O2), हाइड्रोजन(H2), कार्बन-डाई-आक्साइड(CO2), भाप(Vapour)।

    मुख्य गुण:

    गैस को आसानी से दबाया जा सकता है।

    यह पूरी जगह या कमरे में फैल सकती है।

एक अवस्था से दूसरी में बदलना

पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में बदला जा सकता है (उदाहरण के लिए, बर्फ पिघलकर पानी बन जाती है, और पानी वाष्पित होकर भाप बन जाता है)। यह तापमान (temperature) और दबाव (pressure) के कारण होता है।

  • ठोस से द्रव: बर्फ को गर्म करने पर वह पानी बन जाती है।
  • द्रव से गैस: पानी को उबालने पर भाप बनती है।
  • गैस से द्रव: भाप को ठंडा करने पर पानी बनता है।
  • द्रव से ठोस: पानी को जमाने पर बर्फ बन जाती है।

गरम              गरम

ठोस     द्रव      गैस

ठंडा                 ठंडा

निष्कर्ष (Conclusion):

ठोस, द्रव, और गैस पदार्थ की तीन अवस्थाएँ हैं। इनकी कणों की स्थिति और गुण अलग-अलग होते हैं। ठोस का आकार तय होता है, द्रव बह सकता है और गैस हर तरफ फैल सकती है। इन अवस्थाओं में बदलाव गर्मी या ठंड के कारण हो सकता है।

Kuldeep S

Namaste Dosto! मैं BSc Nursing का Student हूँ । "मेरे यानि Kuldeep S के इस Plateform पर आपका स्वागत है, जो भी इस Article को पड़ रहे हैं, मैं उन्हें ये बता देना चाहता हूँ, कि बिना किसी गुरु के, बिना किसी प्रारम्भिक तैयारी के, बिना किसी सही सलाह के अपने जीवन में अपने भविष्य को लेकर कोई भी कदम उठाते हैं, तो जरूरी नहीं है कि ये कदम हमें हमारी मंजिल के करीब लेकर जाएगा या फिर कहीं और। जीवन में कोई भी एक लक्ष्य प्राप्ती के लिए हमें दृढ़ निश्चयी और भावुक व्यक्ति होने की आवश्यकता पड़ती है। Go on youtube Channel Go on facebook Go on twitter Go on instagram Ask Whatever Your Query external-link

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